संसाघन क्या है  ?


उत्तर. :-

             मानवीय आवश्यकता को पूरा करने ववाले सभी जीव , जन्तुएं, वस्तु एवं पदार्थ संसाघन कहलाता है |

दुनिया में जितनी भी वस्तुएं है जो मानव की अवश्यकता को पूरा करता है संसाघन है |

जल मानव की अवश्यकता है जिसके बीना जीवन संभव नही है|
मनुष्य हमेशा नये-नये साघनों व तकनिकों की खोज के लिये प्रयत्नशील रहता है|
इसके लिए आरम्भ में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रुप से प्रकृति या प्राकृतिक वस्तुओं पर निर्भर करता है| समय के साथ मानवीय आवश्यकताओ में परिवर्तन आता गया | इसके लिए मानव प्राकृतिक वस्तुओं में संशोधित कर अपनी आवश्यकता के अनुकूल बनाने लगा|

भूमि , जल वायु , मिट्टी , विघालय भवन , पंचायत भवन , खनिज पदार्थ , खेत  तालाव आदि सभी संसाघन है |



संसाधन के प्रकार :-

संसाधन मुख्यतः तीन प्रकार के हैं --

1.  प्राकृतिक संसाधन 

2.  मानव संसाधन

3. मानवनिर्मित संसाधन 



प्राकृतिक संसाधन क्या है ? 


प्रकृति में पाए जाने वाले सभी जीव , जन्तु , वस्तुएँ , एवं पदार्थ प्राकृतिक संसाधन हैं |
भूमि ,मिट्टी ,जल , छोटे बडे जीव जन्तु , वन ,पहाड , सूर्य का प्रकाश , समुद्री जल, आदि प्राकृतिक संसाधन हैं|

  • भूमि के अंर्तगत पर्वत , पठार , मैदान , मरूस्थल , दलदली भूमि सभी शामिल है|

  • मिट्टी के अंर्तगत जलोढ , लाल , काली , एवं अन्य सभी प्रकार की मिट्टी शमिल है|

  • जल के अंर्तगत नदी , झील , तालाब , सागर , एवं महासागर शामिल है|

  • वनस्पति के अंर्तगत सभी प्रकार के घास ,पेड पौघा एवं झाडियाँ शामिल है|

  • जैविक संसाघन के अंर्तगत सूक्ष्म जीवाणु से लेकर बडे बडे जीव जन्तु शामिल है|

  • खनिज संसाघन के अंर्तगत लौह अयस्क , ताँबा , मैगनीज , अभ्रक , कोयला ,पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि शामिल है|

  मानव संसाघन क्या है ?

मानव एक संसाधन है |जो संसाघनों का निर्माण एवं उपयोग दोनो करता है|मानव में संसाघनो के निर्माण एवं उपयोग की यह क्षमता उसके दिमागी एव शारीरिक क्षमता तथा कौशल से विकसित होती है|
मानव अपनी मेहनत से बहुत कुछ हसिल करसकता है|



 मानवनिर्मित ससाघन क्या है ? 


मानव अपने मेहनत से कइ प्रकार की वस्तुओं का निर्माण करता है वस्तुओं के स्वरूप एवं गुण में परिवर्तन लाकर निर्माण करता है|
जैसे - मकान , कार्यालय , भवन ,सडक खदि