मिट्टी की उपयोगिता 

भूमि एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है | मानव इस पर निवास करता है | अपनी अवश्यकता की अधिकतर वस्तुओं को भी भूमि से ही प्राप्त करता है| पृथ्वी के कुल क्षेत्रफल का 29% भाग भूमि का है|
यह पहाडी ,पठारी ,मैदानी , दलदली , मरुस्थलीय , हिमाच्छादित , वनाच्छादित रुपों में पाइ जाती हैं |भूमि का उपयोग हम भिन्न - भिन्न कामों में करते हैं | 






  • भूमि पर कृषि कार्य होता है |

  • भूमि पर पेड पौघे उगते है |

  • भूमि पर मकान , गाँव , शहर , तालाब , नहर , कुँआ ,चापाकल ,सडकमार्ग , रेल मार्ग ,पाइपलाइन मार्ग ,कारखाना , खेलों के मैदान , आदि इसी पर बने होते हैं |


मानव अपनी अवश्यकता क हिसाब से भूमि का उपयोग करता हैं|
जब जैसी जरुरत परती है मानव भूमि का उपयोग वैसे ही करता हैं|

हर जगह भूमि का उपयोग अलग अलग प्रकार से होता है | एक प्रकार की भूमि होने के बाद भी अलग अलग प्रकार से भूमि का उपयोग होता हैं|

कहीं फल की खेती होती हैं कहीं कृषि कार्य के लिए उपयोग होता है भूमि का|


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भूमि संरक्षण के उद्देश्य 

तेजी से बढती जनसंख्या के पोषण एवं आवास संबंधी आवश्यकता को पूरा करने के कारण वन एवं कृषि क्षेत्र घटते जा रहे है|
भूमि की अवैज्ञानिक अनियोजित उपयोग के कारण मरुभूमि का प्रसार , भूमि कटाल एवं भूमि के बंजर होने की समस्या बढती जा रही है| 

  •  भूमि का उपयोग नियोजित तरिके से करें |

  • भूमि पर वन क्षेत्र को बढाया जाए |

  • जैविक कृषि पर बल दिया जाय |

  • मरुभूमि के सीमांत पर झाडियाँ लगाया जाए |

  • भूस्खलन रोकने के लिए पर्वतीय ढलानो पर वृक्षा रोपन हो एवं परतिरोधी दलाने बनाई जाए |

  • तटवर्ती क्षेत्रों में वृक्षारोपण को बढावा दिया जाय |


इन सब कारणो से हम भूमि का सुरक्षित कर सकते हैं|

भारत में भूमि उपयोग प्रारूप का वर्णन करें


भूमि उपयोग का अर्थ है कुल उपलब्ध भूमि का विविध कार्यो में होने वाले उपयोग के आँकड़ों से है|

भूमि से संबंधित आँकड़े हमेशा बदलते रहते हैं | मतलब यह है कि विभिन्न देशों के मध्य भूमि का प्रारुप एक जैसा नहीं मिलता हैं| कहीं वन क्षेत्र अधिक मिलता है तो कहीं शुध्द बोई गई भूमि का क्षेत्र ,  तो कहीं बंजर भूमि का क्षेत्र अधिक मिलता है |
हमारे देश में भूमि संबंधित प्रारुप या रिकार्ड भू-राजस्व विभाग रखता है |


  •   वन क्षेत्र की भूमि 

  • कृषि कार्य के अनुपलब्ध भूमि                                                                                       
 1.   बंजर एवं व्यर्थ भूमि ,

  2.सड़क , मकान , उघोगों में लगी भूमि 

  •  परती भूमि 

  •  अन्य कृषि अयोग्य भूमि 

  •    शुध्द बोई गई भूमि