व्हाइट और ब्लैक टॉउन शब्दों का किया महत्व हैं ?
व्हाइट टाऊन ब्लैक टाउन
अठारहवीं सदी तक मद्रास , कलकत्ता , बंबाई, महत्वपूर्ण बंदरगाह बन चुके थे ।इस्ट इंडिया कंपनी ने अपने कारखाने इन्हीं बस्तियों में बनाए और सुरक्षा के कारण इन बस्तियों की किलेबंदी करदी ।
यूरोपीय व्यापारियों के साथ लेन देन चलाने वाले भारतीय व्यापारी , कारीगर , और कामगार इन किलो के बाहर रहते
अलग बस्तियों में रहते थे ।
यूरोपियों और भारतीयों के लिए शुरू से ही अलग से बस्तियां बनाई गई थी।
उस समय के लेखन में व्हाइट टाउन गोरों का शहर को कहा जाता था और ब्लैक टाउन कालों के शहर को कहा जाता था।
भारतीयों के लिए जो शहर बनाए गए उस
ब्लैक टाउन और यूरोपीय के लिए जो शहर थे उसे व्हाइट टाउन कहा जाता था ।
व्हाइट टाउन में बगीचे बनाए गए थे , क्लब , रेसकोर्स और रंगमंच भी बनाए गए थे ।
ब्लैक टाउन में दलानी मकान बनाए गए । अंग्रेज़ो की नज़र में काले इलाके न केवल अराजकता और हो हल्ला का केंद्र थे वे गंदगी और बीमारियों का भी स्रोत थे ।
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