SEZ Kiya hai ? 


What is Special economic zone  ?


विशेष आर्थिक क्षेत्र किया है ?


विशेष आर्थिक क्षेत्र चर्चा में है इसकी वजह है ---  


रिलायंस इंड्ट्रीज लिमिटेड ने जामनगर रिफाइनरी विशेष आर्थिक क्षेत्र में कोविड-19 के चलते कच्चे तेल के प्रोसेसिंग पर रोक लगा दी है । कोविड 19 के कारण लोकडाउन के चलते विशेष आर्थिक क्षेत्र को बढ़ावा देने वाली सबसे बड़ी संस्था Expert promotion council for SEZs  ( EPCES ) ने इस सेक्टर के लिए प्रधानमंत्री  से प्रोत्साहन पैकेज की मांग की है ।


SEZ Kiya hai  (Special Economic Zone)?


विशेष आर्थिक क्षेत्र  अथवा  SEZ (SEZ) की परिभाषा इस प्रकार है ----
SEZ उस भौगोलिक क्षेत्र को कहते हैं, जहाँ से व्यापार, आर्थिक क्रियाकलाप, उत्पादन तथा अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को संचालित किया जाता है। ये क्षेत्र देश की सीमा के भीतर विशेष आर्थिक नियम-कायदों को ध्यान में रखकर व्यावसायिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिये विकसित किये जाते हैं। भारत उन शीर्ष देशों में से एक है, जिन्होंने उद्योग तथा व्यापार गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये विशेष रूप से ऐसी भौगोलिक इकाइयों को स्थापित किया। भारत पहला एशियाई देश है, जिसने निर्यात को बढ़ाने के लिये 1965 में कांडला में एक विशेष क्षेत्र की स्थापना की थी। इसे एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग ज़ोन (EPZ) नाम दिया गया था।

 विशेष आर्थिक क्षेत्र किया है?


निर्यात को बढ़ाव देने के लिए सरकार द्वारा स्थापित किए जाने वाले आर्थिक क्षेत्रों को विशेष आर्थिक क्षेत्र ( SEZ ) कहा जाता है।
SEZ एक भौगोलिक क्षेत्र है जिस में देश के आर्थिक कानून से भिन्न विशेष आर्थिक कानून लागू होते हैं।
ये कानून देश के अन्य भागों में प्रचलित अन्य कानूनों की तुलना में कम प्रति बंधात्मक होते हैं।
SEZ एक किस्म का ऐसा क्षेत्र होता है जहां काम करने वाली कंपनियों को इनकम टैक्स, उत्पाद शुल्क और कस्टम में छूट मिल जाती है।


SEZ से होने वाले निर्यात पर कस्टम ड्यूटी , एक्साइज ड्यूटी, आयकर मिनिमम अल्टरनेट टैक्स , डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स आदि नहीं लगता है ।


विशेष आर्थिक क्षेत्र का संबंध सम्रग आर्थिक विकास से है।

SEZ Act, 2005 में SEZ और इसके अन्दर संचालित इकाइयों की स्थापना के लिए कानूनी ढाँचे का प्रावधान किया गया है।
एशिया का पहला एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग  ज़ोन ( EPZ ) 1965 ई0 में गुजरात के कांडला में स्थापित किया गया था।

EPZ वैश्विक स्तर की अवसंरचना और वित्तीय अस्थिरता को बढ़ा देने के  लिए प्रभावी साबित नहीं हो सका ।
सरकार द्वारा स्थाई विशेष आर्थिक नीति लाई गई कुछ नए फीचर के साथ निर्देशकों को आकर्षित करने के लिए ।इस नीति का उद्देश्य अधिक से अधिक आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना और रोज़गार में सृजन पैदा करना हैं।

मई 2005 में संसद द्वारा विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम पारित किया गया । जिसे जून 2005 में राष्ट्रपति द्वारा अनुमति दी गई।
यह अधिनियम फ़रवरी 2006 से प्रभावी होगया और 2006 में ही SEZ नियम भी बनाए गए।

इस अधिनियम में केंद्र एवम् राज्य स्तर सरल प्रक्रिया और सिंगल विंडो क्लीयरेंस को महत्व दिया गया है।
इसके अन्तर्गत आत्म निर्भर टाऊन शिप का विकास किया जाता है ताकि बढ़ती आर्थिक मौजूदा अवसंरचना पर किसी प्रकार का दबाव ना पड़े।

SEZ क‌ई देशों में स्थापित किए गए है ----
भारत , चीन, जॉर्डन, पोलैंड , फिलीपींस और रूस आदि शामिल हैं।


विशेष आर्थिक क्षेत्र के बारे में जानकारी दी गई है । कैसा लगा और आप किस बारे में जानना चाहते हैं कमेंट करे।