महिला सशक्तिकरण 


                 
Women Empowerment




अर्थ एवं परिभाषा :-



                        सशक्तिकरण अंग्रेजी भाषा के 

Empowerment का हिन्दी रूपांतरण है । " em " एक फ्रांसीसी उपसर्ग है जिसका अर्थ है - में ( in )



अतः सशक्तिकरण ( empowerment ) का शाब्दिक अर्थ है - 

" शक्ति में होना अर्थात सशक्त होना



इस प्रकार महिला सशक्तिकरण महिलाओं के सशक्त होने से है ।
महिला सशक्तिकरण से तात्पर्य  ऐसी विचार धारा से है जो 

महिलाओं को आत्मनिर्भर और आत्म निर्णयन का अधिकार प्रदान करे। और समाज में समता आधारित भागीदारी सुनिश्चित करने का समर्थन करती है।




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महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता :-



महिला समाज के आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करती है ।


लैंगिक समता स्थापित करने के लिए महिला सशक्तिकरण आवश्यक है।


महिलाओं का अपर्याप्त प्रतिनिधित्व लोकतंत्र की मूल भावना के विपरित है ।


समावेशी विकास महिलाओं के भागीदारी के बिना असंभव है।


आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के लिए जरूरी है।


अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार यदि भारत में महिलाओं को पर्याप्त अवसर प्रदान किए जाते हैं और श्रम में उनकी भागीदारी पुरुष के बराबर हो जाए तो भारत का विकास दर  27 %  तक बढ़  सकता है। 



भारत में महिला सशक्तिकरण की स्थिति :-
      


                                                                जनवरी 2020 में प्रकाशित  विश्व बैंक की रिपोर्ट " वूमेन बिजनेस एंड लॉ  2020 " के अनुसार आर्थिक तौर पर महिलाओं को सशक्त बनाने के मामले में विश्व के 190 देशों में भारत का स्थान 117 वां है ।


चिंता की स्थिति यह है कि भारत रवांडा और लिसोटो जैसे देशों से भी पीछे है ।


2019 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट  " progress of the world women 2019- 2020 "


में कहा गया कि आर्थिक वृद्धि होने के बावजूद भारत में महिाओं की श्रम बल में लगातार कमी अरही है । श्रम बल में महिलाओं के गिरावट के संबंध में भारत विश्व में पहले स्थान पर है । जो कि चिंता का विषय है ।


भारत की लगभग आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाली महिलाओं का भारत की GDP में 20% से भी कम का  योगदान है ।




महिला सशक्तिकरण के समक्ष चुनौतियां :- 



भारतीय समाज पुरुष प्रधान समाज है । आज भी बहुत से जगहों पर महिलाओं पर पाबंदी है । पुरुष मानसिकता के कारण महिलाओं को आगे बढ़ने में बहुत सी कठिनाइयां है ।


रूढ़िगत परंपराएं जिन्हें धर्म के आधार पर उचित करार देने का प्रयास किया जाता है । रूढ़िवादी सोच के कारण ये मानसिकता बनी हुई है के महिला घर की चीज है उसे घर में रहना चाहिए । पति परमेश्वर होते है और बच्चे ही उसकी दुनिया है । इस तरह की सोच के कारण आज भी महिलाएं पीछे है ।



राजनीतिक असंवेदशीलता के कारण भी महिला सशक्तिकरण में एक बड़ी चुनौती है। वैसे तो राजनीतिक पार्टी वाले चिल्ला चिल्ला कर महिला सशक्तिकरण पर बोलते है लेकिन आज भी हमारे देश में जितने पुरुष नेता है उनमें महिलाओं की बहुत कमी है । 



शिक्षा का अभाव भी है महिलाओं में । साक्षरता दर पुरुष से कम है महिलाओं में । महिला जब तक शिक्षित नहीं होगी तब तक महिला का विकास संभव नहीं है ।



कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन शोषण भी एक बड़ी चुनौती है ।
महिलाओं के लिए सुरक्षित परिवेश का ना होना भी एक चुनौती है।




Women Empowerment Essay





सुझाव :-




               महिलाओं में प्रारंभिक शिक्षा तथा उच्च शिक्षा को बढ़ावा देना ।


वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना ।जिसके कारण समाज तर्क के आधार पर सोचेंगे ।



महिलाओं के साथ जो अपराध होते है उसे तुरंत निपटना जिससे महिला सुरक्षित महसूस करेंगी ।


कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण निर्मित करना । 

लैंगिक समता विरोधी गतिविधियों पर अंकुश लगाना ।


महिलओं को एक तिहाई संसद एवम राज्य में आरक्षण देने वाले विधेयक को जो लंबित है जल्द ही पास किया जाए।


महिला सशक्तिकरण की दिशा में ग्रामीण स्तर पर अधिक ठोस प्रयास किया जाना चाहिए।